मातंगीसाधना / MATANGI SADHANA
मातंगी
साधना / MATANGI SADHANA
साधना विधि
यह साधना मातंगी जयन्ती, मातंगी सिद्धि दिवस अथवा किसी भी सोमवार के दिन से शुरू की जा सकती सर्वप्रथम साधक स्नान आदि से निवृत्त होकर लाल वस्त्र पहिनकर पश्चिम दिशा की ओर मुख करके लाल आसन पर बैठ जाए। अपने सामने लाल वस्त्र बिछा ले।
आपके पास मातंगी का चित्र ना हो तो आप ”माताजी” का ही मातंगी स्वरुप में पूजन करे, माताजी तो स्वयं ही ”जगदम्बा” है और माला के विषय में स्फटिक माला, लाल हकीक माला, मूँगा माला, रुद्राक्ष माला में से किसी भी माला का उपयोग हो सकता है।
सबसे पहले साधक शुद्ध घी का दीपक प्रज्ज्वलित कर धूप-अगरबत्ती भी लगा दे। फिर सामान्य गुरुपूजन सम्पन्न करे और गुरुमन्त्र का चार माला जाप कर ले। फिर सद्गुरुदेवजी से साधना की निर्बाध पूर्णता और सफलता के लिए प्रार्थना करे।
इसके बाद साधक संक्षिप्त गणेशपूजन सम्पन्न करे और “ॐ वक्रतुण्डाय हूं” मन्त्र की एक माला जाप करे। फिर भगवान गणपतिजी से साधना की निर्विघ्न पूर्णता और सफलता के लिए प्रार्थना करे।
फिर साधक संक्षिप्त भैरवपूजन सम्पन्न करे और “ॐ हूं भ्रं हूं मतंग भैरवाय नमः” मन्त्र की एक माला जाप करे। फिर भगवान मतंग भैरवजी से साधना की निर्बाध पूर्णता और सफलता के लिए प्रार्थना करे।
इसके बाद साधक को साधना के पहिले दिन संकल्प अवश्य लेना चाहिए। साधक दाहिने हाथ में जल लेकर संकल्प लें कि,
“मैं अमुक नाम का साधक गोत्र अमुक आज से श्री मातंगी साधना का अनुष्ठान आरम्भ कर रहा हूँ। मैं नित्य २१ दिनों तक ५१ माला मन्त्र जाप करूँगा। माँ ! मेरी साधना को स्वीकार कर मुझे मन्त्र की सिद्धि प्रदान करे तथा इसकी ऊर्जा को मेरे भीतर स्थापित कर दे।”
इसके बाद साधक भगवती मातंगी का सामान्य पूजन करे। कुमकुम, अक्षत, पुष्प आदि से पूजा करके कोई भी मिष्ठान्न भोग में अर्पित करे।
फिर साधक निम्न विनियोग का उच्चारण कर एक आचमनी जल भूमि पर छोड़ दे.
SADHANA
METHOD
This sadhana can be started from the day of
Matangi Jayanti, Matangi Siddhi Day or any Monday, first of all, after retiring
from bath etc., wear red clothes and sit on a red seat facing west. Lay a red
cloth in front of you.
If you do not have a picture of Matangi, then
you should worship "Mother" in the form of Matangi, Mother herself is
"Jagdamba" and regarding the garland, any garland of crystal garland,
red hakik garland, coral garland, rudraksh garland may be of use.
First of all, after lighting a lamp of pure
ghee, the seeker should also apply incense and incense sticks. Then complete
the normal Guru Puja and chant four rounds of Guru Mantra. Then pray to
Sadgurudevji for uninterrupted completion and success of sadhna.
After this sadhak should complete short
Ganesh worship and chant one rosary of the mantra “Om Vakratundaya hum”. Then pray to Lord Ganpatiji for smooth
completion and success of sadhna.
Then the seeker should complete the short
Bhairav Puja and chant one rosary of the mantra “Om hoom bhram hoom matang bhairavai namah”. Then pray to Lord
Matang Bhairavji for uninterrupted completion and success of sadhna.
After this sadhak must take a resolution on
the first day of sadhna. Sadhak take water in right hand and take a vow that,
“I am starting the ritual of Shri Matangi
Sadhana from today onwards by a seeker named Amuk and Gotra Amuk. I will chant
51 rounds of mantra daily for 21 days. Mother ! Accept my sadhana and grant me
the accomplishment of the mantra and establish its energy within me.
After this sadhak should do normal worship of
Bhagwati Matangi. After worshiping with Kumkum, Akshat, flowers etc., offer any
sweets in the bhog.
Then after chanting the following appropriation, sadhak should
leave a water on the ground.
विनियोग
ॐ अस्य मन्त्रस्य दक्षिणामूर्ति ऋषिः विराट् छन्दः मातंगी देवता ह्रीं बीजं हूं शक्तिः क्लीं कीलकं सर्वाभीष्ट सिद्धये जपे विनियोगः।
VINIYOG
Om Asya Mantrasya Dakshinamurti Rishi: Virata Chhandah Matangi
Devta Hrim Bijam Hoom Shakti: kleem Keelakam Sarvabhishta Siddhaye Jape Vinyogah.
ऋष्यादिन्यास
ॐ दक्षिणामूर्ति ऋषये नमः शिरसि। (सिर को स्पर्श करें)
विराट् छन्दसे नमः मुखे। (मुख को स्पर्श करें)
मातंगी देवतायै नमः हृदि। (हृदय को स्पर्श करें)
ह्रीं बीजाय नमः गुह्ये। (गुह्य स्थान को स्पर्श करें)
हूं शक्तये नमः पादयोः। (पैरों को स्पर्श करें)
क्लीं कीलकाय नमः नाभौ। (नाभि को स्पर्श करें)
विनियोगाय नमः सर्वांगे। (सभी अंगों को स्पर्श करें)
RISHYADI NYAS
Om Dakshinamurti Rishiye Namah Shirasi. (touch head)
Virat chandase namah mukhe(touch face)
Matangi devtayai namah hridi (touch heart)
Hreem bijay namah guhyye. (touch the hidden space)
Hoom Shaktiye Namah Padayoh. (touch feet)
Kleem Kilkay Namah
Nabhau. (touch navel)
Vinyogai Namah Sarvange. (touch all parts)
करन्यास
ॐ ह्रां अंगुष्ठाभ्यां नमः। (दोनों तर्जनी उंगलियों से दोनों अँगूठे को स्पर्श करें)
ॐ ह्रीं तर्जनीभ्यां नमः। (दोनों अँगूठों से दोनों तर्जनी उंगलियों को स्पर्श करें)
ॐ ह्रूं मध्यमाभ्यां नमः। (दोनों अँगूठों से दोनों मध्यमा उंगलियों को स्पर्श करें)
ॐ ह्रैं अनामिकाभ्यां नमः। (दोनों अँगूठों से दोनों अनामिका उंगलियों को स्पर्श करें)
ॐ ह्रौं कनिष्ठिकाभ्यां नमः। (दोनों अँगूठों से दोनों कनिष्ठिका उंगलियों को स्पर्श करें)
ॐ ह्रः करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः। (परस्पर दोनों हाथों को स्पर्श करें)
KAR
NYAS
OM hram angusthabhyam namah (Touch both thumb with both index
fingers)
Om Hrim Tarjanibhyam Namah. (Touch both the index fingers with
both the thumbs)
Om Hrum Madhyamabhayam Namah. (Touch both the middle fingers
with both the thumbs)
Om hraim Anamikabhayam Namah. (Touch both the ring fingers with
both the thumbs)
Om hroum Kanishtikabhayam Namah. (Touch both the pinky fingers
with both the thumbs)
Om hrah kartalkar prishthabhayam namah. (touch both hands
together)
हृदयादिन्यास
ॐ ह्रां हृदयाय नमः। (हृदय को स्पर्श करें)
ॐ ह्रीं शिरसे स्वाहा। (सिर को स्पर्श करें)
ॐ ह्रूं शिखायै वषट्। (शिखा को स्पर्श करें)
ॐ ह्रैं कवचाय हूं। (भुजाओं को स्पर्श करें)
ॐ ह्रौं नेत्रत्रयाय वौषट्। (नेत्रों को स्पर्श करें)
ॐ ह्रः अस्त्राय फट्। (सिर से घूमाकर तीन बार ताली बजाएं)
Hridyadi
Nyas
Om hraam hridyay namah (touch heart)
Om Hreem Shirse Swaha. (touch head)
Om hroom shikhaiye vasht. (touch the crest)
Om hraim Kavachay hum. (touch arms)
Om Hrom netrarayaya vausht. (touch eyes)
Om hrah Astraya Fat. (Clap thrice by turning your head)
ध्यान MEDITATE
फिर हाथ जोड़कर माँ भगवती मातंगी का ध्यान करें
ॐ श्यामांगी शशिशेखरां त्रिनयनां वेदैः करैर्बिभ्रतीं,
पाशं खेटमथांकुशं दृढमसिं नाशाय भक्तद्विषाम्।
रत्नालंकरणप्रभोज्ज्वलतनुं भास्वत्किरीटां शुभां,
मातंगी मनसा स्मरामि सदयां सर्वार्थसिद्धिप्रदाम्।।
इस प्रकार ध्यान करने के बाद साधक निम्न मन्त्र का ५१ माला जाप करे.
Then with folded hands, meditate on Mother Bhagwati Matangi.
OM Shyamangi Shashi shekharan Trinayanam Vedaih Karaibibharti,
Pasham khetamthan kusham drudamsim nashay bhakta dvisham.
Ratnalankaran prabhojwa ltanum Bhaswatkiritam Shubhan,
Matangi Manasa Smrami Sadyan Sarvartha siddhipradam.
After meditating in this way, the seeker should chant 51 rounds
of the following mantra.
मन्त्र
ॐ ह्रीं क्लीं हूं मातंग्यै फट् स्वाहा
ohm hreem kleem hum maatangayei phat swahaa